सब्जी वाली बहु - Saas Bahu Ki Kahani
दोस्तों, आज
आपको
दिल
छू
जाने
वाली
सब्जी वाली
बहु
(saas
bahu ki kahaniya) कहानी
बताने
जा
रहा
हूं।
आशा
करता
हूं
यह
कहानी
(hindi story) आपके
जीवन
में
कुछ
ना
कुछ
बदलाव
जरूर
लाएगी।
मीरा
का
सुबह-सुबह
ही
अपने
पति
से
झगड़ा
हो
जाता
है
और
वहां
घर
छोड़कर
जाने
की
बात
करने
लगती
है
।मां
भी
वहीं
पर
खड़ी
होती
है
और
वह
बोलती
है
अरे
बहु
क्या
हुआ
ऐसे
झगड़ा
नहीं
करते
छोटी-छोटी
बातों
पर
कोई
घर
छोड़कर
थोड़ी
जाता
है।
बहु
बोलती
है
हां
हां
पहले
तो
पीछे
से
तीली
लगाओ
और
फिर
सामने
से
ऐसा
जताओ
कि
आग
बुझाने
आई
हो।
अरे
बहू
तुम
यह
क्या
बोल
रही
हो
,
मैंने
कब
क्या
बोला
तुम्हें
।
Saas Bahu Ki Kahaniya
आपने
मुझे
तो
नहीं
बोला
लेकिन
आपके
बेटे
से
तो
बोलती
रहती
हैं।
तभी
उसका
पति
बोलता
है
,
मां
ने
आज
तक
तुम्हारे
बारे
में
कुछ
भी
नहीं
बोला
है
,
वो
तो
तुम
ही
हो
जो
उनके
बारे
में
हर
कुछ
बोलती
रहती
हो
,तभी
मां
बोलती
है
ऐसा
क्या
बोलती
है
यह
मेरे
बारे
में
जरा
मैं
भी
तो
सुनु।
मीरा
बोलती
है
अरे
वह
क्या
बताएंगे मैं
ही
बताती
हूं
मैं
बोलती
हूं
,"ना
जाने
यह
बुड्ढी
कब
मरेगी
,
ना
जाने
इससे
मुझे
कब
छुटकारा
मिलेगा,
मेरी
छाती
पर
मूंग
दल
रही
है।
Moral Stories in Hindi
इतना
सब
सुनकर
मां
बोलती
है,
तू
तो
अभी
जा
रही
थी
ना, यहां
पर
क्यों
खड़ी
है
जाना।
हां
हां
चली
जाऊंगी
लेकिन
पूरे
मोहल्ले
को
बता
कर
जाऊंगी
कि
दोनों
बहू
बेटे
मिलकर
मुझे
यहां
से
भगाना
चाहते
हैं।
मां
बोलती
है
जा
जिसको
बोलना
है
बोल
दे
,
मैं
भी
यहां
30 सालों
से
रह
रही
हूं
,
अपना
दबदबा
बना
कर
रखा
है
यहां
पर।
मीरा
बोलती
है
देखते
है
आपको
यह
लोग
कैसे
जीने
देते
हैं।
तभी
मीरा
का
पति
बोलता
है,
तुम
जाती
क्यों
नहीं यहां
से,
जाने
का
दरवाजा
उधर
है
निकल
जाओ
यहां
से।
इतना
सब
सुनकर
मीरा
वहां
से
निकल
जाती
है
(moral stories in hindi)।
अगले
दिन
बहार
से
जोर-जोर
से
सब्जी
वाली
की
आवाज
आती
है।
मां
बोलती
है
जा
बेटे
सब्जी
लेकर
आ
जा।
बेटा
बोलता
है
मां
मीरा
जब
से घर
छोड़कर
गई
है
मोहल्ले
वाले
तो
मुझे
ऐसे
देखते
हैं
जैसे
मैं
उन्हें
खींच
कर
अपने
घर
में
ले
आऊंगा
,आप
ही
जाओ।
मां
सब्जी
का
थेला
लेकर
बाहर
जाती
है
और
बहुत
ही
जल्द
दौड़ते
हुए
अंदर
आ
जाती
है।
और
बोलने
लगती
है बेटा
बहू..
बहू
बेटा
बोलता
है
अरे
मां
कल
ही
तो
वो
गई
है
,वह
नहीं
आने
वाली
अरे
नहीं
बेटा
वह
नीचे
सब्जी
का
ठेला
लेकर
खड़ी
है।
Educational Stories Hindi
बेटा
मां
की
बात
सुनकर
हैरान
हो
जाता
है
और
वह
नीचे
जाता
है
और
सब्जी
वाली
से
बोलता
है,"
अब
यह
क्या
नाटक
लगा
कर
रखा
हैं,
जल्दी
से
अंदर
चलो
क्यों
मारी
नाक
कटवाने
में
लगी
हो
"। और
वह सब्जीवाली
को
पकड़कर
अंदर
ले
आता
है।
मां
बोलती
है
क्या
हुआ
बहू
1 दिन
में
तुम्हारा
ड्रेसिंग
सेंस
भी
बदल
गया
अपनी
मां
की
तरह
कपड़े
पहन
लिए।
सब्जी
वाली
बोलती
है
मेरी
मां
के
कपड़े
हैं
तो
उनकी
तरह
ही
डिखुगी
ना
| (Educational stories hindi)
Kahaniyan
मां बोलती
है
बस
बस
बहुत
हुआ
नाटक
अब
ये
कपड़े
निकालो
और
ढंग
के
कपड़े
पहनो।
सब्जी
वाली
को
कुछ
समझ
में
नहीं
आता
है
लेकिन
जब
वह
दीवार
पर
मीरा
और
उसके
पति
की
तस्वीर
देखती
है
तो
उसे
सीता
और
गीता
का
पूरा
चक्कर
समझ
में
आ
जाता
है।
उसका
पति
बोलता
है
आज
हम
बाहर
खाने
पर
चलेंगे
तैयार
हो
जाना।
दोनों
शाम
को
खाने
पर
जाते
हैं
सब्जी
वाली
मन
ही
मन
सोचती
है
यह
कितना
अच्छा
है
,
इतने
महंगे
कपड़े
,इतनी
महंगी
होटल
और
ऊपर
से
इतना
अच्छा
घर
(kahaniyan)।
जिंदगी हो
तो
ऐसी।
तभी
सब्जीवाली
पूछती
है
बताओ
ना
मैं
यह
घर
छोड़कर
क्यों
गई
थी।
तुम
घर
छोड़कर
इसलिए
गई
थी
क्योंकि
तुम्हें
अच्छी
A.C
नहीं
मिल
रही
थी
,अच्छे
कपड़े
नहीं
मिल
रहे
थे
,अच्छा
खाने
को
नहीं
मिल
रहा
था
और
महंगी
होटल
में
नहीं
ले
जा
रहा
था
इसलिए
,
सब्जी
वाली
सोचती
है
इतना
सब
कुछ
भी
किसी
के
लिए
कम
हो
सकता
है।
Hindi Kahaniya
अगले दिन
से
सब्जी
वाली
रोज
सुबह
उठती
थी
।
सुबह
से
सबके
लिए
खाना
बनाती
घर
का
काम
करती
और
दिन
में
टीवी
देखने
के
बाद
आराम
करती कुछ
दिन
ऐसे
ही
बीत
गए।
एक
दिन
जब
सब्जीवाली
आराम
कर
रही
थी
तभी
वहां
पर
मां
बेटे
आ
जाते
हैं, और वह
सब्जी
वाली
से
बोलते
हैं
तुम्हें
शर्म
नहीं
आती
किसी
और
की
जिंदगी
जीते
हुए
गरीब
सब्जी
वाली
निकलो
यहां
से।
तभी
मीरा
सब्जी
वाली
से
बोलती
है
तुम
कैसे
किसी
और
के
घर
में
आ
सकती
हो
इन्हें
तो
नहीं
पता
लेकिन
तुम
तो
जानती
थी
फिर
भी
यहां
पर
आ
गई
और
रहने
लगी
और
मुझे
तो
यह
समझ
में
नहीं
आ
रहा
इस
छोटे
से
घर
में
तुम
कैसे
रह
सकती
हो
जहां
पर
कोई
भी
सुविधा
नहीं
है
अब
निकलो
यहां
से
(saas
bahu ki ladai)।
Moral Stories
मां बोलती
है
एक
बात
तो
है
भले
ही
यह
सब्जी
वाली
है
लेकिन
हमने
जो
बहू
को
लेकर
सपने
देखे
थे
वह
उसमें
खरी
उतरी
उसमें
अच्छी
बहू
के
सारे
गुण
हैं
।
सब्जी
वाली
यह
सब
सुनकर
जाने
लगती
है
लेकिन
जाते
हुए
एक
बात
बोल
कर
जाती
है
मैडम
यह
सब
आपके
लिए
छोटा
होगा
लेकिन
आपके
लिए
जो
छोटा
या
फिर
कुछ
नहीं
है
वह
किसी
के
लिए
.. किसी सपने
से
कम
नहीं
है
इसलिए
भगवान
ने
जो
दिया
है
उसमें
खुश
रहो
कभी
भी
किसी
चीज
को
छोटा
या
कम
मत
समझो
(Moral
Stories)।
Conclusion (निष्कर्ष)
हमने आपको यहां सब्जी वाली बहु (hindi kahaniya) के बारे में सब बता दिया | हम उम्मीद करते हैं कि आपको Moral stories in hindi से संबंधित जानकारी लाभदायक लगी होगी | अब आप मुझे नीचे comment करके बताइए कि आपको Saas bahu ki kahani में से सबसे अच्छा Part कौन सा लगा | अगर आपको हमारी ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो आप इस पोस्ट को अपने सभी मित्र और रिश्तेदारों को जरुर शेयर करें |
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